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जगजीत सिंग : 'दिल की तार छेडनेवाला' गझल गायक...ऐका त्यांच्या निवडक ८ गझला !!

आधुनिक गझल गायकीचा जादुगार ज्याने गझल हा प्रकार सर्वसामान्य माणसांपर्यंत पोहोचवला त्या दिग्गजाचा आज जन्मदिन. जगजीत सिंह हे गझल प्रकाराला एक वेगळं वळण देणारे ठरले. सहसा नवाब आणि शायरीच्या जाणकार लोकांमध्ये बंदिस्त असलेला गझल प्रकार त्यांनी पहिल्यांदा तुमच्या आमच्या पर्यंत पोहोचवला.

जगजीतजींनी गायलेलं “होश वालों को ख़बर क्या बेख़ुदी क्या चीज़ है” या गाण्याने तरुणाईला वेड लावलं. “होठों से छूं लो तुम मेरा गीत अमर कर दो” म्हणताना त्यांनी प्रत्येकाच्याच काळजात हात घातला. त्यांनी गायलेली प्रत्येक गझल आपल्या मनावर वेगळा ठसा उमटवते. त्यांच्या नावाप्रमाणे ते जग-जीत होते यात शंका नाही.

आज याच गझल बादशाहाच्या आठवणीत ऐकुया त्यांच्या काही अप्रतिम गझला !!

१. झुकी-झुकी सी नज़र

झुकी झुकी सी नज़र बेक़रार है कि नहीं
दबा दबा सा सही दिल में प्यार है कि नहीं ... 

तू अपने दिल की जवाँ धड़कनों को गिन के बता ...
मेरी तरह तेरा दिल बेक़रार है कि नहीं ...
दबा दबा सा सही दिल में प्यार है कि नहीं
झुकी झुकी सी नज़र 

गीतकार : कैफ़ी आज़मी

२. तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो

तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो 

क्या ग़म है जिसको छुपा रहे हो

 

आँखों में नमी, हँसी लबों पर

क्या हाल है, क्या दिखा रहे हो 

गीतकार : कैफ़ी आज़मी

३. तुमको देखा तो ये ख़याल आया

तुमको देखा तो ये ख़याल आया
ज़िन्दगी धूप तुम घना साया

आज फिर दिल ने इक तमन्ना की
आज फिर दिल को हमने समझाया
ज़िंदगी धूप तुम...

गीतकार : जावेद अख्तर

४. प्यार का पहला खत लिखने में वक्त तो लगता है

प्यार का पहला ख़त लिखने में वक़्त तो लगता है
नये परिन्दों को उड़ने में वक़्त तो लगता है ।

जिस्म की बात नहीं थी उनके दिल तक जाना था,
लम्बी दूरी तय करने में वक़्त तो लगता है ।

गीतकार : हस्ती

५. होश वालों को खबर क्या बेखुदी क्या चीज़ है

होश वालों को खबर क्या बेखुदी क्या चीज़ है
इश्क़ कीजे फिर समझिए ज़िंदगी क्या चीज़ है
होश वालों को...

उनसे नज़रें क्या मिलीं रोशन फ़िज़ाएं हो गईं
आज जाना प्यार की जादूगरी क्या चीज़ है
होश वालों को...

गीतकार : निदा फ़ाज़ली

६. होठों से छू लो तुम

होंठों से छूलो तुम
मेरा गीत अमर कर दो
बन जाओ मीत मेरे
मेरी प्रीत अमर कर दो

न उमर की सीमा हो
न जनम का हो बंधन
जब प्यार करे कोई
तो देखे केवल मन
नई रीत चलाकर तुम
ये रीत अमर कर दो
होंठों से छूलो तुम
मेरा गीत अमर कर दो...

गीतकार : इंदिवर

७. ये दौलत भी ले लो

ये दौलत भी ले लो, ये शोहरत भी ले लो
भले छीन लो मुझसे मेरी जवानी
मगर मुझको लौटा दो बचपन का सावन
वो कागज़ की कश्ती, वो बारिश का पानी

गीतकार : सुदर्शन फाकीर

८. चिट्ठी ना कोई सन्देश

चिट्ठी ना कोई सन्देश
जाने वो कौन सा देश
जहाँ तुम चले गए
इस दिल पे लगा के ठेस
जाने वो…

एक आह भरी होगी
हमने ना सुनी होगी
जाते जाते तुमने
आवाज़ तो दी होगी
हर वक़्त यही है गम
उस वक़्त कहाँ थे हम
कहाँ तुम चले गए

गीतकार : आनंद बक्षी

जगजीत सिंग यांच्या हिंदी गझला तर तुम्ही ऐकल्या पण त्यांनी मराठी गाणीही गायली होती हे खूप कमीजणांना माहित आहे. चला तर ऐकुया जगजीत सिंग यांच्या आवाजातील दोन मराठी गाणी

 

 

 

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